Bhagwat

|| श्री ||


श्रीमद भागवत कथा, राम कथा, नानी बाई कोमयारो अन्यापुरण भजन संध्या संगीत संध्या माता की चौकी C.D. / D.V.D. भी उपलब्ध हैं I भागवत कथा सामग्री, वृन्दावन की झाकिया, लेटेस्ट फोटो (सात दिनों के उत्सव) जीवन के भविष्य को जानने के लिए ज्योतिष ही एकमात्र साधन हैं, जिसके लिए हमारे यहाँ निम्न कार्य किये जाते हैं I

प्रभु ने कहा - ब्रह्मा से

प्रभु ने कहा - ब्रह्मा से

मत्कथावाचकंनित्य - मत्कथा श्रवणे स्तम I मत्कथा प्रीतमनसं - नाहं त्यक्ष्यामि तं नरम I जो मेरी कथा प्रवचन कहता है I सदा उसे सुनने में लगा रहता है I तथा जिसका मन मेरी कथा से प्रसन्न होता है I उस मनुष्य का मैं कभी त्याग नहीं करता I भारत वर्ष मे धार्मिक ग्रंथो को जैसे गीता - भागवत, रामायण एवं महापुराणो को जन जन पहुचाने के लिए बडे बडे संतान विद्वानो ने अद्वितीय कार्य किये है I

श्रीमद भागवत ऐसा शास्त्र है I उसमे सब वेदो का पुराणो का - उपनिषदोंका - ग्रंथो का सर्वशास्त्रों का - सार सार मय भरा हुआ है I

भागवत क्या है I भागवत (कल्पवृक्ष) है भगवान श्री कृष्ण उसकी जड है I १२ स्कंध जो है वो डाले है I ३३५ अध्याय है I वो शाखाए है I १८ हजार श्लोक पत्ते पुष्प है I पढने से सुनने से वैकुंठ रुपी, मोक्ष, रुपी कष्ट प्राप्त होता है I जैसे भगवान भागवत रुपी वृक्ष है I वैसे हम भी मनुष्य रुपी वृक्ष है I जीव जड है I इन्द्रिया शाखाए है I कर्म पत्ते है पुष्प है सुख, शांति फल है I मानव जीवन का चरम लक्ष्य है I भगवत प्राप्ती के २ प्रकार से होती है I भगवत कथा श्रवण, और भगवान नाम संकीर्तन से, ८४ लाख योनियों मे भटकते - कई जन्मो के पुण्य का उदय होता है I तब मनुष्य जीवन मिलता है I उसमे से सेंकडो पुण्य उदय होते है I तब कथा सुनने को मिलती है I यह जन्म केवल आहार, निंद्रामय, मैथुन एवं धनोपार्जन के लिए नहीं मिला है यह तो एक पशु और क्रिड भी करते है I

इसको पढने और सुनने समझने के पश्चात मानव को यह ज्ञान मिल जाता है I मे कौन हूँ I मेरा कर्तव्य क्या है I सृष्टि क्या है I संसार क्या है I और प्रलय क्या है I समस्त कामना ओ पूर्ण करने का मार्ग दर्शाया गया है I

भगवद प्रेमियो ! भगवद चरणानुरागियो - I भगवद भल जनो- I यदि आप अपनी मनोकामनाओ को पाना चाहते है I और समस्त सुखो को भोग कर मोक्ष पाना चाहते है I तो इस

II श्रीमद भागवत सप्ताह II

II श्रीमद भागवत सप्ताह II

प्रथम दिन : श्री भागवत कथा माहत्म्य शुकदेव परीक्षित संवाद

द्वितीय दिन : कपिल उपाख्यान, सती चरित्र, ध्रुव चरित्र, भरत चरित्र

तृतीय दिन : अजामिल प्रह्लाद चरित्र, नृसिंह अवतार

चतुर्थ दिन : गजेंद्र मोक्ष, वामन अवतार, गंगा अवतरण, राम अवतार, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

पंचम दिन : बाल लीला, इन्द्रमान मर्दन, गोवर्धन पूजा

षष्ठ दिन : राश पंचाध्यायी, कथा मथुरागमन, उद्धव चरित्र रुक्मीणी विवाह

सप्तम दिन : सुदामा चरित्र, परिक्षित मोक्ष

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