हिन्दू धर्म के अनुसार लक्ष्मीजी को धन व वैभव की प्रतीक माना गया है, कुबेर भगवान को माता लक्ष्मी के खजाने का द्वारपाल।
Read Moreहम सभी जीवन में आर्थिक तंगी को लेकर बेहद परेशान रहते हैं। धन प्राप्ति के लिए हरसंभव श्रेष्ठ उपाय करना चाहते हैं।
Read Moreकुंडली में मांगलिक दोष होने की वजह से अकसर लोगों की शादी-ब्याह, संतान प्राप्ति आदि में समस्याएं आती हैं।
Read Moreआधुनिकता के इस दौर में तमाम चिकित्सीय पद्धतियां होने के बावजूद भी विज्ञान कई निःसंतान दंपत्तियों की मदद नहीं कर पाता,
Read Moreयंत्र दिशानिर्देश आप इसे अपने घर / कार्यालय के पूर्वोत्तर क्षेत्र में पूजा की वेदी में रख सकते हैं, जिसकी तरफ पश्चिम दिशा का
Read Moreमाँ बगलामुखी स्तंभव शक्ति की अधिष्ठात्री मानी जाती हैं. यह अपने भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और बुरी शक्तियों
Read Moreधार्मिक मान्यताओं के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र का जाप अकाल मृत्यु के योग को भी दूर कर देता है।
Read Moreभगवान गणेश सर्वप्रथम पूजनीय माने जाते हैं। भगवान शिव की तरह वह भी भोले हैं, तथा उनकी दया दृष्टि पानाबेहद आसान है।
Read Moreकलियुग में धन सबसे अहम है, लेकिन धन से भी अहम है ‘शिक्षा’। वैदिक शास्त्र माता सरस्वती को विद्या की देवी माना जाता है।
Read Moreनवरात्र के मौके पर दुर्गा सप्तशती के पाठ का विशेष अध्यात्मिक महत्व है। दुर्गा सप्तशती के तेरह अध्यायों से पहले तीन प्रथम
Read Moreमां कालिका का स्वरूप जितना भयावह है उससे कही ज्यादा मनोरम और भक्तों के लिए आनंददायी है।
Read Moreकलियुग में एक मात्र हनुमान जी ही जीवित देवता हैं। यह अपने भक्तों और आराधकों पर सदैव कृपालु रहते हैं और उनकी हर इच्छा
Read Moreघोड़े के पैर के नाखून जिसे खुर कहते है, दौड़ते समय जमीन पर रगड़ा कर ना टूट जाये इसलिए उसे बचाने के लिए घोड़े के खुर में
Read Moreपूजा-पाठ में शंख बजाने का चलन युगों-युगों से है. देश के कई भागों में लोग शंख को पूजाघर में रखते हैं।
Read Moreगोमुखी शंख की उत्पत्ति सतयुग में समुद्र मंथन के समय हुआ। जब 14 प्रकार के अनमोल रत्नों का प्रादुर्भाव हुआ
Read Moreहिंदू विश्वासों के अनुसार मोतीशंख बहुत शुभ कंच है और माना जाता है कि यह चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
Read Moreभगवान विष्णु के चार हाथ भक्तों के बीच परिकल्पित है। दो हाथों में चक्र व गदा होते हैं। ये आयुध है। एक चक्र अस्त्र है
Read Moreशास्त्रों के अनुसार दक्षिणावर्ती शंख का हिंदु पूजा पद्धती में महत्वपूर्ण स्थान है दक्षिणावर्ती शंख देवी लक्ष्मी के स्वरुप
Read Moreहत्था जोड़ी एक वनस्पति है. एक विशेष जाती का पौधे की जड़ खोदने पर उसमे मानव भुजा जैसी दो शाखाये दिख पड़ती है,
Read Moreसियार सिंघी बहुत ही चमत्कारी होती है, इसे घर में रखने से सकारात्मक उर्जा का अनुभव होता है ! वशीकरण की अद्भुत शक्ति होती है,
Read Moreहएकाक्षी नारियल (जिसके मुंह पर सिर्फ एक काला निशान हो) की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है जिसके कारण इंसान को
Read Moreबिल्ली प्रसव के समय एक प्रकार की थैली त्यागती है। जिसे आंवल या जेर कहते हैं। प्रायः सभी पशुओं के शरीर से प्रसव के समय
Read Moreपारद शिवलिंग से धन-धान्य, आरोग्य, पद-प्रतिष्ठा, सुख आदि भी प्राप्त होते हैं। नवग्रहों से जो अनिष्ट प्रभाव का भय होता है,
Read Moreश्वेतार्क गणपति पृथ्वी पर सबसे शुद्ध और सबसे दुर्लभ पवित्र वस्तुओं में से एक माना जाता है। श्वेतार्क गणपति को संस्कृत भाषा
Read Moreकाली हल्दी बड़े काम की है। वैसे तो काली हल्दी का मिल पाना थोड़ा मुश्किल है, किन्तु फिर भी यह पन्सारी की दुकानों में मिल
Read Moreदो मुखी रुद्राक्ष में साक्षात शिव-पार्वती का वास होता है। शिवपुराण के अनुसार दो मुखी रुद्राक्ष बेहद दुर्लभ और कल्याणकारी है।
Read Moreब्रह्मा, विष्णु और महेश को त्रिशक्ति के रूप में पूजा जाता है, तीन मुखी रुद्राक्ष इन्हीं त्रिशक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है।
Read Moreचार मुखी रुद्राक्ष को स्वंय ब्रह्मा जी का स्वरूप माना गया है। भगवान ब्रह्मा सर्व वेदों के ज्ञाता है |
Read Moreपंचमुखी रुद्राक्ष में भगवान शिव की सभी शक्तियां समाहित होती है। इस धरा के पंच तत्व और पांच पांडव इस रुद्राक्ष के देव
Read Moreछह मुखी रुद्राक्ष बेहद अहम माना जाता है। छह मुख का यह रुद्राक्ष वैराग्य का प्रतीक माना जाता है।
Read Moreसात मुखी रुद्राक्ष को कामदेव का रूप माना गया है। यह सर्वाधिक सुगम रुद्राक्षों में से एक है। इस रुद्राक्ष की एक अन्य खासियत
Read Moreमां दुर्गा के नौ रूप हैं और नौ मुखी रुद्राक्ष उनके हर एक रूप की व्याख्या करता है। नौ मुखी रुद्राक्ष को भैरव तथा कपिल-मुनि
Read Moreदसमुखी रुद्राक्ष को भगवान विष्णु के दसावतारों से जोड़ कर देखा जाता है। शिवपुराण के अनुसार इसमें साक्षात विष्णु
Read Moreबारहमुखी रुद्राक्ष को बारह पंथो से जोड़ कर देखा जाता है। इस रुद्राक्ष का वर्णन श्रीमद देवी भागवत पुराण में भी मिलता है।
Read Moreगणेश रुद्राक्ष भगवान श्री गणेश जी का प्रतिनिधित्व करता है. इस रूद्राक्ष की आकृति भी गणेश जी के जैसी प्रतीत होती है.
Read Moreगौरी शंकर रुद्राक्ष माता पार्वती एवं भगवान शिव का प्रतीक है जैसा क नाम से ही स्पष्ट होता है कि यह रुद्राक्ष शिव पार्वती जी की एक
Read Moreरत्न (स्टोन) का मतलब है "श्रेष्ठ" (सबसे श्रेष्ठ वस्तु)
हमारे लिए 84 विभिन्न प्रकार के पत्थर और मिनी पत्थर उपलब्ध हैं। पत्थर और ज्योतिष के बीच का संबंध प्राचीन समय से चर्चा किया गया है और इसके पीछे हमारा एक लंबा इतिहास है। पत्थरों का इस्तेमाल सभी आभूषणों और विभिन्न देवताओं द्वारा पहने जाने वाले विभिन्न वस्तुओं में किया गया था और यह समृद्धि का प्रतीक था। ये पत्थर हमेशा हमारी जिंदगी को अपनी असीम शक्ति के साथ प्रभावित करते हैं और हम जानते हैं कि हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए इस शक्ति का कैसे उपयोग करें। हम जो चाहें हासिल करने के लिए और हमारे जीवन में सभी बाधाओं से निपटने के लिए, इन पत्थरों और रूद्राक्ष का इस्तेमाल इस ब्रह्मांड की शुरुआत से किया गया था और आज भी इसका अर्थ पूर्ण और प्रभावी है जैसा पहले था। प्रत्येक पत्थर सर्वोत्तम परिणाम देता है जब सही धूप के लिए इस्तेमाल किया जाता है और पूर्ण विश्वास के साथ पूर्ण समय पर उपयोग किया जाता है।
सादगी, पवित्रता और कोमलता की निशानी माने जाने वाला मोती एक चमत्कारी ज्योतिषीय रत्न माना जाता है।
Read Moreमूंगा रत्न को मंगल ग्रह का रत्न माना जाता है। ज्योतिषी मानते हैं कि इसे धारण करने से मंगल ग्रह की पीड़ा शांत होती है।
Read Moreपन्ना रत्न गहरे हरे रंग का होता है। बुध ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए पन्ना धारण करने की सलाह दी जाती है।
Read Moreपुखराज पीले रंग का एक बेहद खूबसूरत रत्न है। इसे बृहस्पति ग्रह का रत्न माना जाता है। पुखराज की गुणवत्ता आकार, रंग तथा
Read Moreरत्न ज्योतिष अनुसार बेदाग स्वच्छ हीरा शुक्र की पीड़ा शांत करता है। मान्यता है कि जो हीरा सभी गुणों से संपन्न हो और जल में
Read Moreशनि ग्रह के बुरे प्रभाव और पीड़ा शांत करने के लिए नीलम या नीला पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है।
Read Moreगोमेद एक रत्न है जिसे राहु ग्रह से समबन्धित किसी भी विषय के लिए धारण करने हेतु ज्योतिषशास्त्री परामर्श देते हैं।
Read Moreलहसुनिया को केतु ग्रह का रत्न माना जाता है। इसे वैदूर्य मणि, सूत्र मणि, केतु रत्न, कैट्स आई, विडालाक्ष के नाम से भी जाना
Read MoreTapovan deep D-3, 301 Pathanwadi,
Near Western Express Highway, Malad (East),
Mumbai, Maharashtra 400097.
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