दो मुखी रुद्राक्ष में साक्षात शिव-पार्वती का वास होता है। शिवपुराण के अनुसार दो मुखी रुद्राक्ष बेहद दुर्लभ और कल्याणकारी रुद्राक्ष है। दो मुखी रुद्राक्ष को देवेश्वर भी कहा जाता है।
दो मुखी रुद्राक्ष के फायदे (Effects of Rudraksha)
* दो मुखी रुद्राक्ष दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए लाभकारी होता है।
* दो मुखी रुद्राक्ष झगडों या कर्ज से मुक्ति, गृह क्लेश और समाज में सम्मान दिलाता है।
* यह कामनाओं को पूरा तथा उचित फल देने वाला रुद्राक्ष है।
* यह रुद्राक्ष कई तरह की शारीरिक बीमारियों जैसे मोटापे, हृद्य दोष आदि से मुक्ति दिलाता है।
* कर्क राशि के जातकों के लिए दो मुखी रुद्राक्ष लाभकारी है।
दो मुखी रुद्राक्ष का मंत्र :
* दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का आसान मंत्र “ऊं नम:” (Om Namah) है।
नोट: दो मुखी रुद्राक्ष गौरी-शंकर रुद्राक्ष से अलग होता है।
ब्रह्मा, विष्णु और महेश को त्रिशक्ति के रूप में पूजा जाता है, तीन मुखी रुद्राक्ष इन्हीं त्रिशक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है। तीन मुखी रुद्राक्ष सदा साक्षात् साधन का फल देने वाला है, इसके प्रभाव से सारी विधाएँ प्रतिष्ठित होती हैं।
तीन मुखी रुद्राक्ष के फायदे :
* इस रुद्राक्ष को धारण करने से बड़े से बड़ा पाप भी क्षण भर में खत्म हो जाता है।
* परीक्षा में सफलता के लिए इस रुद्राक्ष को धारण करना शुभ समझा जाता है।
* मेष राशि के जातकों के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष (Teen Mukhi Rudraksha) शुभ माना जाता है।
तीन मुखी रुद्राक्ष का मंत्र :
* तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए “ऊँ क्लीं नम:” (Om Kleem Namah) मंत्र का जाप करें।
चार मुखी रुद्राक्ष को स्वंय ब्रह्मा जी का स्वरूप माना गया है। भगवान ब्रह्मा सर्व वेदों के ज्ञाता है उसी तरह इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले जातक के जीवन में भी शिक्षा प्राप्ति के सभी राह खुल जाते हैं।
चार मुखी या चार मुख वाला रुद्राक्ष के फायदे :
* चार मुखी रुद्राक्ष ज्ञान और संतान प्राप्ति की चाह रखने वाले जातकों के लिए बेहद शुभ होता
* चार मुखी रुद्राक्ष मिथुन राशि के लिए शुभ होता है।
चौमुखी रुद्राक्ष का मंत्र :
* चतुर्मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लिए “ऊँ ह्रीं नम:” (Om Hreem Namah) मंत्र का जाप करें।
पंच मुखी रुद्राक्ष में भगवान शिव की सभी शक्तियां समाहित होती है। इस धरा के पंच तत्व और पांच पांडव इस रुद्राक्ष के देव माने गए हैं। इस रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह गुरु होता है। मान्यता अनुसार इस रुद्राक्ष के कम से कम तीन दाने धारण अवश्य करने चाहिए।
पंचमुखी रुद्राक्ष के फायदे :
* इस रुद्राक्ष को धारण करने से मान सम्मान और धन की प्राप्ति होती है।
* यह रुद्राक्ष धनु और मीन राशि के जातकों के लिए शुभ होता है।
* यह सभी सिद्धियों की प्राप्ति और पापों से मुक्ति दिलाता है।
पंचमुखी रुद्राक्ष का मंत्र :
* पंच मुखी रुद्राक्ष का मंत्र “ऊँ ह्रीं नम:” है।
छह मुखी रुद्राक्ष बेहद अहम माना जाता है। छह मुख का यह रुद्राक्ष वैराग्य का प्रतीक माना जाता है। इस रुद्राक्ष को भगवान कार्तिकेय का रूप भी माना गया है।
छ: मुखी रुद्राक्ष के फायदे :
* वृषभ और तुला राशि के जातकों को छह मुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभ माना गया
* दांपत्य जीवन में प्रेम की कमी, तलाक से बचने, प्रेम विवाह में सफल होने, संगीत कला में माहिर होने आदि के लिए यह रुद्राक्ष बेहद अहम माना गया है।
* दाहिनी बाँह में इस रुद्राक्ष को धारण करने वाला मनुष्य ब्रह्महत्या जैसे जघन्य पापों से भी मुक्त हो जाता है।
छ: मुखी रुद्राक्ष का मंत्र :
* षष्ठ मुखी रुद्राक्ष को धारण करते समय “ऊँ ह्रीं हुं नम:” (Om Hreem Hum Namah) मंत्र का लगातार उच्चारण करते रहें।
सात मुखी रुद्राक्ष को कामदेव का रूप माना गया है। यह सर्वाधिक सुगम रुद्राक्षों में से एक है। इस रुद्राक्ष की एक अन्य खासियत यह है कि अगर इसका सही ढ़ंग से ख्याल रखा जाए तो यह कई सालों तक सही सलामत रहता है। सात मुखी रुद्राक्ष अनंगस्वरुप और "अनंग" आदि नामों से भी प्रसिद्ध है।
सात मुखी रुद्राक्ष के फायदे :
* जो लोग कोर्ट-कचहरी के मामलों में फंसे हों या जो जातक शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैया या शनि की महादशा से प्रभावित हैं उनके लिए यह रुद्राक्ष एक बेहद उपयोगी माना गया है।
* महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए इस रुद्राक्ष की माला को धारण करना लाभकारी माना जाता है।
* मकर और कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि है इसलिए दोनों राशि के जातकों के लिए सात और चौदह मुखी रुद्राक्ष को पहनना शुभ बताया गया है।
* शिवपुराण के अनुसार इस रुद्राक्ष को धारण करने से दरिद्र भी ऐश्वर्यशाली हो जाता है।
सात मुखी रुद्राक्ष का मंत्र:
* सप्त मुखी रुद्राक्ष को धारण और उसकी शुद्धि लिए “ऊँ हुं नम:” (Om Hum Namah) मंत्र का जाप करना चाहिए।
मां दुर्गा के नौ रूप हैं और नौ मुखी रुद्राक्ष उनके हर एक रूप की व्याख्या करता है। नौ मुखी रुद्राक्ष को भैरव तथा कपिल-मुनि का प्रतीक माना गया है। इस रुद्राक्ष को जो जातक धारण करता है उस पर माता का आशीर्वाद बना रहता है।
नौ मुखी रुद्राक्ष के फायदे :
* मान्यता है कि इस रुद्राक्ष के धारण करने से राहु-केतु के कुप्रभावों से सदा बचा जा सकता है।
* श्री यंत्र की पूजा के समय इसे धारण करने से अपार सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
* इसे बाएं हाथ यानि लेफ्ट हेंड पर पहनना शुभ माना जाता है।
नौ मुखी रुद्राक्ष का मंत्र :
* “ऊँ ह्रीं हुं नम:” के उच्चारण द्वारा नौ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से नव शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
दसमुखी रुद्राक्ष को भगवान विष्णु के दसावतारों से जोड़ कर देखा जाता है। शिवपुराण के अनुसार इसमें साक्षात विष्णु का अंश होता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान विष्णु की कृपा होती है।
दसमुखी रुद्राक्ष के फायदे :
* भगवान विष्णु का प्रतीक दसमुखी रुद्राक्ष द्वारा भूत-प्रेत बाधा, जादू-टोनों से मुक्ति दिलाता है।
* इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले जातक को यम भी नरक नहीं ले जा पाते।
* यह रुद्राक्ष श्री हरि के साथ माता लक्ष्मी और देवी गंगा की भी कृपा होती है।
दसमुखी रुद्राक्ष का मंत्र :
* दसमुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र “ऊँ ह्रीं नम:” (Om Hreem Namah) है।
बारहमुखी रुद्राक्ष को बारह पंथो से जोड़ कर देखा जाता है। इस रुद्राक्ष का वर्णन श्रीमद देवी भागवत पुराण में भी मिलता है। बारहमुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह बारह सूर्य हैं। शिव पुराण के अनुसार इस रुद्राक्ष को केशप्रदेश में धारण करना चाहिए।
बारहमुखी रुद्राक्ष के फायदे :
* संतान सुख, शिक्षा, धन, ऐश्वर्य, ख्याति आदि सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए बारहमुखी रुद्राक्ष को बेहद महत्व दिया जाता है।
* इस रुद्राक्ष को कोई भी धारण कर सकता है लेकिन जिन जातकों की कुंडली में सूर्य निम्न हो उनके लिए यह अत्यंत शुभ माना जाता है।
बारहमुखी रुद्राक्ष का मंत्र :
* द्वादश मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र “ऊं क्रौं क्षौं रौं सूर्य नम:” (Om Crome Sraum Raum Surya Namah) है।
गणेश रुद्राक्ष भगवान श्री गणेश जी का प्रतिनिधित्व करता है. इस रूद्राक्ष की आकृति भी गणेश जी के जैसी प्रतीत होती है. इस लिए इस रुद्राक्ष पर सुंड के समान एक उभार भी होता है, यह रुद्राक्ष धारण करने से समस्त विघ्नों का नाश होता है तथा धन संपत्ति की प्राप्ति होती है. गणेश रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान गणपति जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इनके सानिध्य को पाकर व्यक्ति अपनी सभी समस्याओं से मुक्त हो जाता है और सभी प्रकार के सुखों को भोगता हुआ अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है.
बुद्धि ज्ञान को बढाने वाला यह रुद्राक्ष अच्छी कार्य क्षमता प्रदान करता है. इस रुद्राक्ष को पूजा स्थान में रखकर नियमित रुप से इसकी पूजा अर्चना करने से आपके सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं तथा अनेक मार्ग स्वत: ही खुल जाते हैं. भाग्य बढ़ाता है और सभी प्रयासों में सफलता मिलती है.
गणेश रुद्राक्ष का मंत्र :
ॐ गंग गणपतय नमोह नमः ,
'ॐ गणेशाय नमः ',
' ॐ हुम नमः
जो व्यक्ति अपने कार्यों में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें गणेश रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए उन सभी जो एक नए उद्यम की शुरुआत कर रहे हैं वह भी इसे धारण करें तो उन्हें अपने व्यवसाय में भरपूर सफलता प्राप्त होगी.
गौरी शंकर रुद्राक्ष माता पार्वती एवं भगवान शिव का प्रतीक है जैसा क नाम से ही स्पष्ट होता है कि यह रुद्राक्ष शिव पार्वती जी की एक अदभुत संगम का रुप है. इसे धारण करने से सभी प्रकार के दांपत्य सुखों की प्राप्ति होती है. जीवन साथी रुप में यह रुद्राक्ष पति -पत्नी के रिश्ते को प्रगाढ़ बनाता है तथा उनमें एकात्म का भाव जागृत करता है. दांपत्य सुख एव्म शांति के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष को सर्वश्रेष्ट माना जाता है.
यह अंतर्दृष्टि को विकसित करने के लिए उपयोगी है हमारे स्वयं की कमी को पहचानने में तथा अपनी कमियों को दूर करने में मदद करता है, प्राकृतिक रूप से युग्म रुप में जुडा़ हुआ यह रुद्राक्ष शिव और शक्ति के मिलन रुप का यह अमूल्य रुद्राक्ष भक्ति एवं आस्था का उत्तम रुप है. इस रुद्राक्ष को उपयोग में लाने से भगवान शिव और माता पार्वती जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
गौरी शंकर रुद्राक्ष मोक्ष प्राप्ति में भी लाभदायी है. इस रुद्राक्ष को तिजोरी में रखें किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक क्षति नहीं होगी, आप उन्नति प्राप्त कर सकेंगे. यह रुद्राक्ष पूजा घर में रखना अत्यंत उत्तम होता है.
गौरी शंकर रुद्राक्ष का मंत्र :
ॐ गौरीशंकराय नमः ,
ॐ नमः शिवाय.